लक्ष्य एवं उद्देश्यः


  1. शिक्षकों के हितो की रक्षा करना अनिवार्य है।
  2. शिक्षकों की वित्तीय समस्याओं का समाधान करना अति आवश्यक है
  3. शिक्षकों एवं छात्रों के बीच मिलकर महाविद्यालय में शैक्षिक वातावरण कायम करवाने पर बल देते हुए आपसी सामांजस्य कायम रखने की ओर कदम उठाना भी उचित है। ताकि शिक्षकों एवं छात्रों के बीच मधुर संबंध कायम रहे।
  4. शिक्षकों के बीच किसी भी प्रकार भेदभाव न हो इस पर विचार किया जाना, जिससे सौहार्द वातवरण बनाने मे सदैव सहायता मिलती रहे।
  5. शिक्षक महाविद्यालय कार्य के लिये सदैव निष्पक्ष रहते हैं।
  6. शिक्षक अपने मौलिक कर्तव्य का पालन करते हैं।
  7. शिक्षक नैतिक विकास के लिये आपस मे विचार- विमर्श भी करते है।
  8. शिक्षक सदैव प्रश्नचित्र होकर अपने कार्यों को निष्पादित करते है। ताकि शैक्षिक कार्य समय पर सम्पादित हो जाय।

कार्यः


  1. कर्तव्यों का पालन करवाना।
  2. छात्रों के बीच व्यवहार कुशल रहना।
  3. निष्पक्षता का भाव पैदा करना।
  4. समय – समय पर शैक्षिक एवं बौद्धिक विकास करना।
  5. शिक्षक एवं संकाय प्रतिनिधि के बीच आपसी सामंजस्य कायम करना।
  6. शिक्षकों में आत्म-सम्मान बढ़ाने की ओर प्रेरित करना।
  7. शिक्षकों में अपने कौशल को जागरूक करने के लिये समय-समय पर आपसी विचार विमर्श करना।
  8. शिक्षकों में राष्ट्रीय एकता का भाव जागृत करना।
Image